नव युवक मंगल दल रामलीला कमेटी (रजि.) आप का हार्दिक स्वागत करती है
श्री रामलीला कमेटी का मंचन ग्राम कालिक मवैया, धनतुलसी और बसगोती मवैया के सीमा पर जिला भदोही, उत्तर प्रदेश में कई वर्षों से निरन्तर किया जा रहा है। ट्रस्ट में नेतृत्व पदों के लिए चुने गए लोगों में गणमान्य व्यक्ति, प्रभावशाली लोग, व्यापारिक और अन्य जानकार व्यक्ति शामिल हैं।
नव युवक मंगल दल रामलीला कमेटी व्यापक रूप से कोनिया छेत्र, जिला भदोही, उत्तर प्रदेश के पसंदीदा गैर–लाभकारी संस्था के रूप में जानी जाती है।
श्री रामलीला प्रति वर्ष हिन्दी माह आश्विन के तिथि शुक्ल पक्ष प्रथमा से दशमी तक नवरात्रि के नो दिनो तक श्री राम जन्म से सूरु हो कर रावण बध तक आयोजित किया जाता है और दशहरे के दिन मेले का भव्य आयोजन होता है, जिसमें आस पास के सभी ग्रामवासी बच्चे बड़े और बूढ़े बिना किसी भेद भाव के बड़े ही हर्ष उल्लास के साथ इस पर्व को मनाते है। श्री रामलीला कमेटी ट्रस्ट द्वारा आयोजित रामलीला मंचन की सफलता का श्रेय कमेटी के सभी सदस्यों, और ग्रामवासियो को जाता है। यह भव्य कार्यक्रम सब अथक मेहनत और व्यापक योजना के परिणामस्वरूप होता है।
श्री नव युवक मंगल दल रामलीला कमेटी का गठन स्व. श्री वंशधारी मिश्र के नेतृत्व और सहयोग में स्व. श्री लालता प्रसाद मिश्र, स्व. श्री श्री नाथ मिश्र, स्व. श्री राम नाथ, स्व. श्री शिवमूरति मिश्र, श्री माता अम्बर मिश्र, श्री दूर्गा प्रसाद मिश्र, श्री कमला प्रसाद मिश्र, श्री तृभुवन मिश्र, श्री सूर्य नारायन मिश्र, स्व. श्री माता प्रसाद मिश्र, स्व. श्री गया प्रसाद मिश्र और स्व. श्री जोखूँ यादव के अथक परिश्रम से सन 1973 में किया गया।
प्रारंभ में कविसा परिवार ग्राम कालिक मवैया आपस में चर्चा करते है उसके बाद में ग्राम का एक समूह जुड़ता है, आपस में चर्चा करता है और उसके बाद और भी निवासी जुड़ते जाते हैं। फिर एक कमेटी का गठन होता है और एक विचार महीनों वर्षों की मेहनत के बाद अंततः मूर्त रूप ले लेता है।
श्री रामलीला के शुरुआत में कुछ विशेष सहयोग श्री रामसजीवन यादव और कई अन्य श्री राम भक्तों का रहा है।
श्रीरी रामलीला कमेटी ट्रस्ट भारत सरकार द्वारा 21 ट्रस्टी के द्वारा रेजिस्टर्ड किया गया. जो कि समय – समय पर नए ट्रस्टी और अध्यक्ष का चुनाव होता रहता है।
श्री रामलीला 1996 से श्री देवेंद्र मिश्र उर्फ़ रमेश मिश्र की अध्यक्षता में सम्पन्न किया जा रहा है।
सन्देश
प्रभु श्री राम कथा का मंचन मात्र ही रामलीला नहीं है। अपितु मर्यादा पुरूषोत्तम श्री राम के जीवन के आदर्शो का सन्देश जन सामान्य व अगली पीढ़ी तक आसानी से पहुंचाना ही इसका मुख्य उद्देश्य होता है।
अतः इस सांस्कृतिक सन्देश को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने में और भगवान श्री राम का सन्देश जन–जन तक प्रसारित करने में रामलीला एक उपयोगी उपक्रम सिद्ध होता है।